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जरूरतमंद बच्चों को समय-समय पर भोजन उपलब्ध कराना।

  17-09-2023

जरुरत मंद बच्चों को समय समय पर जब आवश्यकता पड़ने पर निरिक्षण करके चिकित्सालय,विद्यालय या शहर में किसी भी स्थान पर भोजन का प्रबंध करना यदि धर्म जागरण मंच के कोष में धनराशि उपलब्ध है तो कोशिश करना की कोई भी व्यक्ति भूखा न सोये आप अपने जन्म दिन, शादी की सालगिरह या किसी भी उत्सव पर जरुरत मंदों को भोजन अवश्य उपलब्ध कराये यदि व्यवस्था करने में कठिनाई है तो धर्म जागरण मंच आपके साथ है | आप को कई प्रकार की कठिनाई महसूस हो रही है तो अपनी श्रधानुसार जितने लोगो को भोजन करना चाहते है धनराशि धर्म जागरण मंच के खेते में भेज सकते है | संस्था आपके तरफ से सारी व्यवस्था करके लोगो को भोजन उपलब्ध कराएगी |    
                                               
                                            
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नक्षत्र गोशाला जो पहली बार भारत देश में होगा स्थापित। इस नक्षत्र गौश ...

  17-09-2023

नित्य शास्त्रीय चिंतन व प्रज्ञा शक्ति के प्रयोग से निरंतर शोध चलता रहा परिणामतः परिक्षण के बाद जो सफलता मिली आश्चर्य जनक रहा इस प्रकार नक्षत्र गोशाला की स्थापना का संकल्प लगभग 10 वर्ष पूर्व ही हुआ था पर उसके लिए उपयुक्त भूमि इत्यादि समुचित संसाधन एकत्रित न हो सका पर गोमाता की कृपा से इसके स्थापना के साथ सफलता के आसार नजर आ रहे है।उम्मीद है शिध्र ही  इससे दुनिया लाभान्वित हो सकेगी।आपके नाम या नक्षत्र के हिसाब से जो गाय पाली जाएगी उसके दूध, दही, घी इत्यादि के सेवन तथा उसे गाय के दर्शन, स्पर्श से रोग मुक्त होकर सुखी जीवन के साथ अपनी मनोकामनाएं भी आसानी से पूर्ण कर सकते हैं। इसमे अगर आप भी किसी भी प्रकार से सहयोग करना चाहते है तो धर्म जागरण मंच आपका स्वागत करता है ।
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अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष धर्म सम्मेलन धर्म जागरण मंच के तत्वावधान मे ...

  16-09-2023

अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष धर्म सम्मेलन धर्म जागरण मंच के तत्वावधान में पहली बार आयोजन हुआ जिसमे पंद्रह देशों से अधिक लोगो ने पहले ही दिन भाग लिया यह संख्या त्रिदिवसीय सम्मेलन में प्रत्येक दिन बढ़ती रही गोरखपुर में आयोजित इस सम्मेलन में लगभग दश हजार से अधिक संख्या में लोगो ने निःशुल्क जन्म पत्रिकाए दिखाकर अपने भविष्य की जानकारिया हासिल की सम्मेलन का जोर पर्यावरण पर रहा तथा देश विदेश से आये ज्योतिषाचार्य एवं धर्माचार्यों ने अपने अपने अनुभव साझा किये भारत के उत्तर प्रदेश का शहर गोरखपुर विश्व भर में चर्चा का विषय रहा यह गोरखपुर ही नहीं समूचे भारत वर्ष के लिए गौरव पूर्ण रहा |    
                                            
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पीपल, बट,नीम, बेल, आंवला इत्यादि में छुपा है रहस्य हमारे पूर्वज इसे ज् ...

  16-09-2023

पीपल, बट,नीम, बेल, आंवला इत्यादि में छुपा है रहस्य हमारे पूर्वज इसे ज्यादा मात्रा में लगाने को कहते हैं क्या कारण है आईए जानते हैं।

अश्वत्थमेकम् पिचुमन्दमेकम्
न्यग्रोधमेकम् दश चिञ्चिणीकान्।
कपित्थबिल्वाऽऽमलकत्रयञ्च
पञ्चाऽऽम्रमुप्त्वा नरकन्न पश्येत्।।

अश्वत्थः = पीपल (100% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
पिचुमन्दः = नीम (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
न्यग्रोधः = वटवृक्ष (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
चिञ्चिणी = इमली (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
कपित्थः = कविट (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
बिल्वः = बेल (85% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
आमलकः = आवला (74% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
आम्रः = आम (70% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
(उप्ति = पौधा लगाना)

अर्थात् - जो कोई इन वृक्षों के पौधो का रोपण करेगा, उनकी देखभाल करेगा उसे नरक के दर्शन नही करने पड़ेंगे। इस सीख का अनुसरण न करने के कारण हमें आज इस स्थिति परिस्थिति स्वरूप में नरक के दर्शन हो रहे हैं। अभी भी कुछ बिगड़ा नही है, हम अभी भी अपनी गलती सुधार सकते हैं औऱ गुलमोहर  निलगिरी जैसे वृक्ष अपने देश के पर्यावरण के लिए घातक हैं।
पश्चिमी देशों का अंधानुकरण कर हमने अपना बड़ा नुकसान कर लिया है। पीपल, बरगद और नीम जैसे वृक्ष रोपना बंद होने से सूखे की समस्या बढ़ रही है।
ये सारे वृक्ष वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाते है। साथ ही, धरती के तापनाम को भी कम करते हैं।
हमने इन वृक्षों के पूजने की परंपरा को अन्धविश्वास मानकर फटाफट नई संस्कृति के चक्कर में इन वृक्षो से दूरी बनाकर यूकेलिप्टस (नीलगिरी) के वृक्ष सड़क के दोनों ओर लगाने की शुरूआत की। यूकेलिप्टस झट से बढ़ते है लेकिन ये वृक्ष दलदली जमीन को सुखाने के लिए लगाए जाते हैं। इन वृक्षों से धरती का जलस्तर घट जाता है। विगत ४० वर्षों में नीलगिरी के वृक्षों को बहुतायात में लगा कर पर्यावरण की हानि की गई है।
शास्त्रों में पीपल को वृक्षों का राजा कहा गया है...

मूले ब्रह्मा त्वचा विष्णु शाखा शंकरमेवच।
पत्रे पत्रे सर्वदेवायाम् वृक्ष राज्ञो नमोस्तुते।।

भावार्थ -जिस वृक्ष की जड़ में ब्रह्मा जी तने पर श्री हरि विष्णु जी एवं शाखाओं पर देव आदि देव महादेव भगवान शंकर जी का निवास है और उस वृक्ष के पत्ते, पत्ते पर सभी देवताओं का वास है ऐसे वृक्षों के राजा पीपल को नमस्कार है आगामी वर्षों में प्रत्येक ५०० मीटर के अंतर पर यदि एक एक पीपल, बड़ , नीम आदि का वृक्षारोपण किया जाएगा, तभी अपना भारत देश प्रदूषणमुक्त होगा। घरों में तुलसी के पौधे लगाना होंगे। हम अपने भविष्य में भरपूर मात्रा में नैसर्गिक ऑक्सीजन मिले इसके लिए आज से ही अभियान आरंभ करने की आवश्यकता है। आइए हम पीपल , बड़ , बेल , नीम , आंवला एवं आम आदि वृक्षों को लगाकर आने वाली पीढ़ी को निरोगी एवं सुजलां सुफलां पर्यावरण देने का प्रयत्न करें धर्म जागरण मंच के तत्वावधान में जहां कहीं भी अवसर मिले महावृक्षों के पौधे लगाकर पर्यावरण को शुद्ध बनाने का प्रयत्न करता रहेगा।                      
                                               
                                            
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मीडिया को उत्तर देते हुए तमाम धर्मो के सामने खड़ा कर दिया संकट ज्ञान ...

  15-09-2023

मीडिया के प्रश्नों का जवाब देते हुए ज्ञानगुरु डॉ धनेश मणि त्रिपाठी ने तथाकथित तमाम धर्मों से एक ऐसा सवाल किया है जिसे सभी धर्म के अनुयाई हक्का-बक्का रह गए उसका जवाब ईमानदारी से देना उनके लिए कठिन हो गया है धर्म जागरण मंच के तत्वाधान में अब ऐसे सवाल होते रहेंगे जिसे दुनिया के लोग सत्य को जानकार अनुसरण करें।
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